होम परिचय शिबिर प्रकाशन आगामी कार्यक्रम फोटो गैलरी प्रतिभाव ऑनलाइन लाइब्रेरी संपर्क
 
 

जन्म स्थान - १९१६
पुण्य तिथि - २३.०७.१९९८
       
सद्गुरु श्री रामसूरत साहेब जी श्री विवेक साहेब जी के शिष्य थे, "होनहार बिरवान के होत चीकने पात'' के अनुसार अपनी बारह-तेरह वर्श की आयु में ही वैराग्य मार्ग अपना लिये थे। तबसे आपने दृढ़ वैराग्य, पवित्र जीवन तथा समसामयिक उत्तम व्यवहार से हजारों जिज्ञासुओं एवं मुमुक्षुओं के आप प्रेरणाश्रोत बने रहे। जीवन पर्यंत निरंतर भ्रमणशील रहकर आप सद्गुरु कबीर देव के उज्जवल पारख सिद्धांत का प्रचार-प्रसार करते रहे। 23 जुलाई 1998 को 83 वर्श की उम्र में आप नष्वर शरीर को त्याग कर विदेह मुक्त हो गये। आपके आषीर्वचन एवं मार्गदर्शन से एक नया आलोक पाकर बड़हरा संत समाज द्वारा उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में अनेकों संत आश्रम स्थापित हुए हैं । जहां पर साधु-ब्रह्मचारियों को बीजक तथा अन्य कबीर साहित्य की पढ़ाई तथा भारतीय दर्शनों की जानकारी दी जाती है। आपकी प्रमुख रचनाएं हैं विवेक प्रकाश, बोधसार, रहनि प्रबोधिनी तथा गुरूपारख बोध जो टीका-व्याख्या सहित छप चुकी है।
 
संत कबीर मार्ग, प्रीतम नगर, इलाहाबाद, (उ. प्र.) - २११०११
  + 91 - 532 - 2090366, +91 7376786230                    
   © 2016 Kabir Parakh Sansthan, Allahabad